काशी के घाटों पर गंगा पूजा, ‘जय हिंद’ के नारे और विश्वनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक…। चुनावी माहौल में इस बार काशी का दृश्य उलट गया है। इस बार सीन में मोदी नहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी हैं। मोदी के सियासी प्रतीकों के सहारे वह यूपी में अलग-थलग पड़ी कांग्रेस में जान फूंकने की कोशिशों में जुटी हैं।प्रियंका ने बुधवार को प्रयागराज के मनैया घाट से वाराणसी के अस्सी घाट तक बोट यात्रा की। समर्थकों से घिरीं प्रियंका ने अस्सी घाट पहुंचकर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। इस दौरान वह मोदी की तर्ज पर समर्थकों से ‘जय हिंद’ के उद्घोष भी करवाती नजर आईं। प्रियंका इसके बाद काशी विश्वनाथ मंदिर की ओर बढ़ गईं, जहां उन्होंने रुद्राभिषेक भी किया। बता दें कि मोदी ने 2014 में चुनावी जीत के बाद यहां रुद्राभिषेक किया था।
मिशन यूपी के तहत वोटरों का मन टटोलने के लिए निकलीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अपने दौरे के तीसरे और आखिरी दिन वाराणसी में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पैतृक आवास पर पहुंचीं। रामनगर में शास्त्री के आवास पर पहुंची प्रियंका का यहां पुष्पवर्षा से स्वागत हुआ। गांधी परिवार से प्रियंका पहली सदस्य हैं, जो लाल बहादुर शास्त्री के घर पर पहुंचीं हैं। स्मारक के रूप में तब्दील शास्त्री जी के घर में 15 मिनट का समय बिताने के दौरान वह कई बार भावुक हुईं।
रामनगर के लोग बताते हैं कि प्रियंका से पहले गांधी परिवार का कोई सदस्य पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री जी के निवास पर नहीं आया था। हालांकि इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और राहुल गांधी ने कई बार वाराणसी का दौरा किया, लेकिन वह अब तक रामनगर में शास्त्री के घर नहीं गए। प्रियंका गांधी ने लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण।
प्रियंका ने अपने भाषण में कहा कि वाराणसी की जनता ने प्यार से उनका स्वागत किया है। उन्होंने कहा, ‘वाराणसी से आप अपनी आवाज उठाइये कि देश को नकारात्मक, किसान विरोधी, जनविरोधी, मजदूर और महिला विरोधी सरकार नहीं चाहिए। आपने पिछले पांच साल में देखा है कि यूपी और देश की क्या स्थित बनी है।’
उन्होंने कहा कि लोग देख रहे हैं कि जब राजनीति का मकसद गलत होता है, लोगों को दबाने का मकसद होता है तो क्या नतीजा होता है। उन्होंने कहा कि राजनीति का असली मकसद सेवा का होता है। अस्सीघाट के बाद प्रियंका ने दशाश्वमेध घाट पर आरती भी की।
प्रियंका की यात्रा को भारतीय जनता पार्टी को जवाब के तौर पर देखा जा रहा है। प्रियंका न सिर्फ धर्मनगरी वाराणसी और प्रयागराज की यात्रा पर निकली हैं बल्कि ‘जय माता दी’ भी लिखा। उन्होंने बुधवार को अस्सीघाट पर भाषण के दौरान भी पीएम मोदी की तरह ‘जय हिंद’ के नारे लगाए। जानकारों का मानना है कि प्रियंका एक साथ राष्ट्रवाद और धर्म की नींव आगे बढ़ा रही हैं। साथ ही कांग्रेस बीजेपी के गंगा को साफ करने के दावे को भी जांच रही है।
प्रियंका ने कहा कि उन्होंने बोट से आते वक्त मल्लाह बिरादरी से बात की। उन्होंने बताया, ‘पुल के नीछे 10,000 परिवार हैं, पट्टे छीने गए, नाव का बीमा होना चाहिए, रोजगार नियमित होना चाहिए। ऐसी सरकार होनी चाहिए जो आपकी जरूरत को समझे।’ उन्होंने वादा किया कि केंद्र में सरकार आने पर मछुआरों की समस्याओं के लिए अलग मंत्रालय बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि किसान त्रस्त है, कर्ज में डूब रहा है, आत्महत्या कर रहा है। प्रियंका ने कहा, ‘किसानों को मदद नहीं मिलती, समय पर खाद नहीं मिलती। नौजवान त्रस्त हैं, एक भी रोजगार नहीं है। आपको ये वचन दिया गया कि 2 करोड़ नौकरियां दी जाएंगी।’ उन्होंने लोगों से सवाल किया कि क्या वाराणसी में नौकरियां दी गईं।
प्रयागराज से गंगा के रास्ते पूर्वांचल दौरे पर निकलीं प्रियंका गांधी मीरजापुर होते हुए बुधवार सुबह वाराणसी पहुंची। सबसे पहले वह रामनगर में लाल बहादुर शास्त्री के आवास गईं। गांधी परिवार से प्रियंका पहली सदस्य हैं जो लाल बहादुर शास्त्री के घर पर पहुंची। स्मारक में लगी शास्त्री जी की प्रतिमा पर प्रियंका गांधी जब माल्यार्पण कर रही थीं तभी पीछे खड़े कुछ युवकों ने मोदी-मोदी के नारे लगाने शुरू कर दिए। वहां मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नारे लगाने वालों को पीट दिया। पुलिस ने हस्तक्षेप कर मामला संभाला। मारपीट में बीजेवाईएम के नगर अध्यक्ष गौरव गुप्ता और कई अन्य कार्यकर्ताओं की शर्ट फट गई।
प्रियंका गांधी के जाने के बाद बीजेपी कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए। आक्रोशित कार्यकर्ता मोदी-मोदी के नारे लगाते हुए शास्त्री स्मारक पहुंचे और वहां प्रतिमा पर प्रियंका गांधी की पहनाई माला उतार कर गंगा जल से प्रतिमा और आवास की धुलाई की। इसके बाद प्रतिमा के समक्ष धरना देकर हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। राहुल गांधी के विरोध में भी नारेबाजी की। इसके चलते किला रोड पर जाम लग गया। रामनगर थाना प्रभारी अनूप शुक्ला ने मौके पर पहुंचकर समझा बुझाकर धरना खत्म कराया। गनीमत रही कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने प्रियंका गांधी के जाने के बाद धरना-प्रदर्शन किया। अन्यथा बवाल बढ़ने की आशंका थी।